Tuesday, July 3, 2018

बुराड़ी मामला: क्या मौत के बाद किसी का दिमाग़ पढ़ा जा सकता है?

उत्तरी दिल्ली के संत नगर बुराड़ी इलाक़े में रविवार को 11 लोग संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए. तीन दिन बाद भी मामला सुलझता नज़र नहीं आ रहा है.
पुलिस इस मामले की जांच आत्महत्या और हत्या दोनों ही एंगल से कर रही है. इन मौतों को तंत्र-मंत्र से जोड़कर भी देखा जा रहा है. घर से एक डायरी भी मिली है जिसमें मोक्ष जैसी बातें लिखी हुई हैं.
पड़ोसियों का कहना है कि परिवार धार्मिक प्रवृत्ति वाला था. इसके अलावा घर में कुछ ऐसी चीज़ें भी मिली हैं जिनसे आत्महत्या का शक़ गहराता है, लेकिन रिश्तेदारों का कहना है कि परिवार ऐसा कर ही नहीं सकता था. ये पूरी तरह हत्या का मामला है.
ऐसे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है कि ये मामला है क्या...
शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है और जल्दी ही रिपोर्ट भी आ जाएगी, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ये मामला आत्महत्या का है तो इस मामले में साइकोलॉजिकल अटॉप्सी से काफ़ी मदद मिल सकती है.
मेडिकल की दुनिया में यह शब्द नया नहीं है. आत्महत्या से जुड़े बहुत से मामलों को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल अटॉप्सी की मदद ली जाती है. बहुचर्चित सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में भी साइकोलॉजिकल अटॉप्सी की मदद से मौत के कारणों की पड़ताल की गई थी.उत्तरी दिल्ली के संत नगर बुराड़ी इलाक़े में रविवार को 11 लोग संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए. तीन दिन बाद भी मामला सुलझता नज़र नहीं आ रहा है.
पुलिस इस मामले की जांच आत्महत्या और हत्या दोनों ही एंगल से कर रही है. इन मौतों को तंत्र-मंत्र से जोड़कर भी देखा जा रहा है. घर से एक डायरी भी मिली है जिसमें मोक्ष जैसी बातें लिखी हुई हैं.
पड़ोसियों का कहना है कि परिवार धार्मिक प्रवृत्ति वाला था. इसके अलावा घर में कुछ ऐसी चीज़ें भी मिली हैं जिनसे आत्महत्या का शक़ गहराता है, लेकिन रिश्तेदारों का कहना है कि परिवार ऐसा कर ही नहीं सकता था. ये पूरी तरह हत्या का मामला है.
ऐसे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है कि ये मामला है क्या...
शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है और जल्दी ही रिपोर्ट भी आ जाएगी, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ये मामला आत्महत्या का है तो इस मामले में साइकोलॉजिकल अटॉप्सी से काफ़ी मदद मिल सकती है.
मेडिकल की दुनिया में यह शब्द नया नहीं है. आत्महत्या से जुड़े बहुत से मामलों को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल अटॉप्सी की मदद ली जाती है. बहुचर्चित सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में भी साइकोलॉजिकल अटॉप्सी की मदद से मौत के कारणों की पड़ताल की गई थी.

No comments:

Post a Comment