Monday, June 10, 2019

एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश

मालदीव में प्रधानमंत्री का चरमपंथ पर बात करना इस बात को भी दर्शाता है कि श्रीलंका में हाल ही में हुए इस्टर बम धमाकों ने भारतीय सुरक्षा नीतिकारों को भी झझकोर कर रख दिया है.
दक्षिण एशिया मामलों पर चार साल से काम कर रहे भारतीय विदेश मंत्रालय के एक अफ़सर के मुताबिक़, "भारत श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसियों को लगातार अलर्ट देता रहा. सच यही है कि धर्म से प्रभावित चरमपंथ की वारदातें हमारे पड़ोस में बड़े पैमाने पर हुई हैं, चाहे वो ढाका का होली आरटीज़न बेकरी हमला हो या श्रीलंका के चर्चों पर हुए सिलसिलेवार हमले. इसलिए किसी भी प्राथमिकता के पहले यही भारत की प्राथमिकता है."
साफ़ है कि, मालदीव की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने एक तीर से दो निशाने करने की कोशिश की है.
एक तरफ़ चीन को मालदीव में भारतीय वापसी का और दूसरी तरफ़ पाकिस्तान को चरमपंथ के मामले में.
अब चीन और पाकिस्तान के विदेश नीति पंडितों का क्या रूख़ रहेगा, इसका कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पता चलने की उम्मीद है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'घर में घुस कर मारने' वाले दावे को ग़लत बताया है.
शरद पवार ने मोदी सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई पाकिस्तान में नहीं, बल्कि कश्मीर में की गई थी और कश्मीर भारत का हिस्सा है.
फ़ेसबुक पर पहली बार लोगों के सवालों का जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि लोगों को नियंत्रण रेखा और वहां की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है और उन्हें लगा कि कार्रवाई पाकिस्तान के ख़िलाफ़ की गई थी.
पवार ने कहा कि एक विशेष समुदाय के प्रति विरोध पैदा करने के लिए यह सबकुछ किया गया, जिसने बीजेपी को राजनीतिक रूप से फ़ायदा पहुंचाया है.
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड (जदयू) ने ऐलान किया है कि वो बिहार के बाहर अन्य राज्यों की विधानसभा चुनावों में बीजेपी से अलग होकर लड़ेगी. हालांकि बिहार में यह दोनों पार्टी साथ चुनाव लड़ेगी.
पार्टी ने झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में अकेले लड़ने की घोषणा की है. पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि इसका मक़सद 2020 तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में पटना में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह भी तय किया गया कि पार्टी केंद्र सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी लेकिन बाहर से समर्थन जारी रहेगा.
पार्टी ने धारा 370, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर के मुद्दे पर अपना पुराना रवैया क़ायम रखने की बात कही है. जदयू की राय इन सभी मुद्दों पर बीजेपी से अलग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कुछ लोग अभी भी लोकसभा चुनाव के नतीजों से उबर नहीं पाए हैं.
तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा के लिए जाने से पहले रेनीगुंटा हवाई अड्डे पर मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि बीजेपी के लिए चुनाव का अध्याय समाप्त हो चुका है और अब उसका ध्यान 130 करोड़ भारतीयों की सेवा पर है.
उन्होंने कहा, "कुछ लोग अभी भी चुनाव नतीजों के असर से निकल नहीं सके हैं. यह उनकी अपनी समस्या है, जहां तक हमारी बात है तो हमारे लिए यह अध्याय अब बंद हो चुका है."
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों की आकांक्षाओं व सपनों को पूरा करने के लिए काम करेगी.
उन्होंने कहा, "कुछ लोग जिनका चुनाव में अलग नज़रिया था, कह रहे हैं कि लोगों की उम्मीदें काफ़ी बढ़ गई हैं और उन्हें इस बात पर शक है कि क्या मोदी इन उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा."
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नई आकांक्षाएं भारत के उज्जवल भविष्य की गारंटी हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि देश तरक़्क़ी की नई ऊंचाइयों को छुएगा.
उन्होंने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के लोगों को लोकतंत्र की मज़बूती में ख़ास भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया. इन दोनों राज्यों में भाजपा को कोई भी सफलता चुनाव में नहीं मिली है. इस संदर्भ में मोदी ने कहा कि बीजेपी के लिए हार-जीत मायने नहीं रखती. पार्टी का हमेशा ध्यान जन सेवा पर रहता है.
हांगकांग में रविवार को विवादास्पद बिल को लेकर लगभग दस हज़ार लोगों ने प्रदर्शन किया. यह विवादास्पद बिल अपराध में संलिप्त संदिग्ध को ट्रायल के लिए चीन को प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे सकता है.
यह क़ानून इसी साल फ़रवरी में प्रस्तावित किया गया था और इस पर जुलाई में वोट होने की उम्मीद है. यह क़ानून हांगकांग के अधिकारियों और अदालतों को उन देशों के प्रत्यर्पण अनुरोधों को प्रक्रिया में लाने की अनुमति देगा, जिनके साथ पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश का औपचारिक हस्तांतरण समझौता नहीं है. यह क़ानून चीन, ताइवान और मकाउ जैसे देशों की मांग पर बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों के संदिग्धों को प्रत्यर्पण करने की अनुमति देगा.
इस क़ानून के विरोध में विक्टोरिया पार्क में प्रदर्शनकर्ता जमा रहे. लोगों ने विरोध जताने के लिए सफ़ेद रंग को चुना और यह पार्क कई घंटों तक पूरा सफ़ेद नज़र आया और छाते की वजह से पीले रंग का समूह दिखाई दिया. पीला रंग 2014 से लोकतंत्र के समर्थन का प्रतीक है, जिसे 'अंब्रेला रिवोल्यूशन' के नाम से जाना जाता है.
हांगकांग के अधिकारियों ने कहा कि ऐसी किसी भी प्रत्यर्पण की मांग पर हांगकांग की अदालत का फ़ैसला अंतिम होगा और धार्मिक एवं राजनीतिक अपराधों के संदिग्धों को प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा.
वहीं एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह बिल अगर क़ानून बन गया तो हांगकांग अपनी स्वतंत्रता खो देगा और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है.

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